sumit malhotra

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लेखनी प्रतियोगिता -29-Aug-2023

शीर्षक:- रक्षाबंधन, भाई-दूज आता। 

जैसे भाई सभी को मिलता ना, 
बहनें भी सबको मिलती है ना। 

कुछ बहनें और कुछ भाई तक, 
भाई-बहन के लिए सदैव तरसे।

मेरी स्वयं की सगी बहन नहीं है, 
बहुत कमी महसूस करता सदा। 

जब रक्षाबंधन, भाई-दूज आता, 
तब बहुत तकलीफ़ हुआ करती। 

यारों मेरी कोई भी बहन नहीं है, 
यारों ना कभी भी हो सकती है। 

सुनो सगी बहन हुई ही नहीं थी, 
मेरी ममेरी और चचेरी मतलबी।

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2 Comments

सुन्दर सृजन

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Gunjan Kamal

30-Aug-2023 07:11 AM

👌👏

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